“दिल्ली के Nitin Goel ने जब्त होने के डर से बेच डाली Mercedes और Land Rover, बोले – दिल टूटा है, मजबूरी थी”

दिल्ली में कारें सिर्फ सवारी नहीं, जुनून हैं, पहचान हैं। लेकिन जब सरकारी नियम जुनून की राह में दीवार बन जाएं तो दिल टूट जाता है – कुछ ऐसा ही हुआ है नितिन गोयल के साथ।

जब कानून ने लिया शौक़ से टकराव दिल्ली में लागू नियमों के अनुसार, डीज़ल गाड़ियाँ 10 साल बाद और पेट्रोल गाड़ियाँ 15 साल बाद सड़कों से हटा दी जाती हैं। यह नियम पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, लेकिन इनका असर उन लोगों पर भी पड़ा है जिन्होंने सालों की मेहनत से अपनी ड्रीम कारें खरीदी थीं।

Nitin Goel के पास दो बेहद खास गाड़ियाँ थीं — एक शानदार Land Rover और दूसरी स्टाइलिश Mercedes-Benz। ये सिर्फ गाड़ियाँ नहीं थीं, उनके दिल के बेहद करीब थीं। लेकिन EOL (End of Life) नियमों के चलते उन्हें ये कारें भारी नुकसान में बेचनी पड़ीं। कोड़ियों के भाव बिकी लाखों की गाड़ियाँ एक ऐसी Land Rover, जिसकी शान देखते ही बनती थी — सिर्फ ₹8 लाख में चली गई। और Mercedes, जिसे उन्होंने बड़े चाव से रखा था — ₹4 लाख में किसी और की हो गई। सोचिए, जहाँ एक ओर भावनात्मक नुकसान हुआ, वहीं आर्थिक नुक़सान भी बहुत भारी पड़ा।

दिल को चीरती वीडियो क्लिप्स अब जब Nitin उन गाड़ियों को हिमाचल की सड़कों पर दौड़ते हुए वीडियो में देखते हैं, तो दिल और भी ज्यादा दुखता है। “आज भी वो गाड़ियाँ खूब चल रही हैं, बस मालिक और शहर बदल गए हैं,” वो कहते हैं। वीडियो देखते हैं, मुस्कुराते हैं, लेकिन आँखें भी नम हो जाती हैं। क्या कोई और रास्ता हो सकता था? इस कहानी में सवाल उठता है — क्या हमारे सिस्टम में कोई ऐसी व्यवस्था नहीं हो सकती जहाँ इन अनोखी, अच्छी स्थिति में चल रही गाड़ियों को रिटायर करने के बजाय ट्रांसफर या स्पेशल कैटेगरी में रखा जा सके? क्योंकि हर गाड़ी सिर्फ़ एक मशीन नहीं होती — वो यादों का एक सफ़र होती है।

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